ये वर्ष 2016 की बात है. मेरी उम्र तब 60 साल थी. मेरे सीने में दर्द होने लगा और बार बार होने लगा. एक दोस्त ने कहा, "ये एन्जाइना (Angina) का दर्द है.
मुझे एक बुज़ुर्ग इंसान की बात पसंद आई और मैंने अदरक, लहसुन, नींबू का रस, सेब का सिरका और शहद का घरेलू नुस्खा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
एक साल तक कोई फ़ायदा नहीं हुआ, फिर मैं यू ट्यूब पे छाए एक प्रसिद्ध डॉक्टर से मिला, जो ये कहते थे कि दुनिया के किसी भी हार्ट पेशेंट को बाईपास सर्जरी Bypass surgery या एंजियोप्लास्टी करने की ज़रूरत नहीं.
डॉक्टर साहब ने एक सस्ती वाली एंजियोग्राफी करवाने की सलाह दी. जब रिपोर्ट आई तो 60% ब्लाकेज मिला. उन्होंने कुछ दवाइयां लिख कर दीं जो वो स्वयं बनाते थे. ज़ीरो ऑयल खाना खाने के लिए कहा, वो भी ज़िंदगी भर. दवाइयां भी ज़िंदगी भर.
अब मेरा हर खाना तेल, घी, मक्खन की एक बूंद के लिए तरस गया. मेरा हर खाना बेरंग, बेस्वाद... बेमज़ा... हो गया.
पांच छह महीने बाद फिर एक बिल्डिंग की सीढ़ियां चढ़नी पड़ीं और दर्द ने आ दबोचा.दोस्त ने कहा, चल किसी और डॉक्टर से मिलते हैं.
दूसरे डॉक्टर साहब ने सस्ती वाली एंजियोग्राफ़ी को देखा तो बोले, "ये रिपोर्ट नहीं चलेगी. आपको फ़ुल फ़्लेज्ड एंजियोग्राफ़ी करवानी पड़ेगी... करवाइए और रिपोर्ट मुझे दिखाइए..."
एक बार और एंजियोग्राफ़ी करवाई और ब्लॉकेज 90% नज़र आया. डॉक्टर साहब ने कहा, आप एक बम अपने सीने पर रखे घूम रहे हो. ये कभी भी फट सकता है, आपको काफ़ी सावधानी की ज़रूरत है.
इस डॉक्टर ने भी यही कहा कि आप दवाइयों और परहेज़ के साथ भी ज़िंदगी गुज़ार सकते हो, पर क़दम क़दम पर सावधानी बरतनी होगी.
मगर डॉक्टर साहब की "सीने पे बम" वाली बात बार बार दिमाग़ में घूमने लगी....और मैंने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य डॉक्टरों से संपर्क किया...