What is the risk of amputation of foot in Diabetes? 

डायबिटीज़ में पैर काटने का ख़तरा केवल और केवल मरीज़ और उसके घर वालों की लापरवाही के कारण पैदा होता है.

जैसे दिल के रोग में मरीज़ को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, वैसे ही डायबिटीज़ के रोग में  भी 100% सावधानी बरतने की ज़रूरत है. 

डायबिटीज़ के रोग में मरीज़ के शरीर में शुगर का लेवल बढ़ता-घटता रहता है. और बढ़ा हुआ शुगर मरीज़ को तरह तरह से तकलीफ़ देता है. 

शुगर की अधिकता से डायबिटिक न्योरोपेथी (Diabetic neuropathy)  की शिकायत हो जाती है.

Foot Ulcer

डायबिटिक न्यरोपेथी की वजह से फ़ुट अल्सर (Foot Ulcer) होने की संभावना बढ़ जाती है. और यही फ़ुट अल्सर ज़िंदगी दूभर कर देता है.

असल में डायबिटिक न्योरोपेथी(Diabetic neuropathy) के कारण मरीज़ के पैर सुन्न हो जाते हैं और उसे दर्द का एहसास नहीं होता.

इसलिए जब भी मरीज़ के पैरों में कोई कट या घाव होता है, तो उसे पता ही नहीं चलता.

एहसास न होने के कारण हल्की सी चोट या घाव भी बढ़ कर भयावह रूप लेता है.

सही इलाज आप घर पर नहीं कर सकते. इसके लिए आपको डॉक्टर की मदद अवश्य ही लेनी पड़ेगी.