अकलमंदों की कमी नहीं ग़ालिब, एक ढूंढ़ो हज़ार मिलते हैं, सारे जहां का दर्द हमारे जिगर में है, हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है, जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, दिमाग़ का स्क्रू, टपोरी, शहंशाह, कैसे आकाश में सुराख़ नहीं हो सकता, रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, वक़्त करता जो वफ़ा, भारत, की, अर्थ व्यवस्था, भारत की अर्थव्यवस्था #Hindi #Urdu #shayeri #dp #status #best #quote #quotes #whatsapp #facebook #instagram #whatsapp #status #kavita #life #zindagi #sher #Haasya #tanz #attitude #اردو #हिन्दी #हिंदी # شاعری#اشعار