बुज़ुर्गों से सुनते आए हैं कि जब आप मछली खाते हैं तो उसके फ़ौरन बाद दूध बिलकुल भी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने सेआपकी त्वचा पर कुछ इस तरह के सफ़ेद दाग़ उत्पन्न हो जाते हैं.
क्या ये सच है? डॉक्टर क्या कहते हैं?
डॉक्टर कहते हैं कि इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि ये मछली और दूध का एक साथ सेवन करने से होता है. त्वचा के सफ़ेद दाग़ जिसे अंग्रेज़ी में vitiligo कहते हैं, ये एक ऐसा रोग है जो त्वचा में कुछ जगहों से पिगमेंट्स के खो जाने से हो जाता है. ये रोग क्यों होता है इसकी पूरी जानकारी अभी विज्ञान के पास नहीं है. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि ये जेनेटिक यानी अनुवांशिक, ऑटोइम्यून और एनवायरमेंटल घटकों के कारण होता है.
कुछ लोग ये भी मानते हैं कि दूध और मछली चूंकि सफ़ेद रंग के होते हैं, इसलिए त्वचा पर सफ़ेद दाग़ उत्पन्न हो जाते हैं. ये भी सही नहीं है. साथ ही ये भी जान लें कि ये रोग छूने से नहीं फैलता है. इसका संपूर्ण इलाज अभी मौजूद नहीं है, लेकिन डॉक्टर्स की मदद ले कर इसे फैलने से और बढ़ने से रोका जा सकता है.
कुछ घरेलू नुस्ख़े जिन्हें इस रोग से पीड़ित लोगों ने अपना कर लाभ पाया है, वो इस प्रकार हैः
तांबे के बर्तन में पानी पीयें और तांबे की थाली में खाना खाएं. तांबे के बरतन में रात भर रखा हुआ पानी पिएं.
अदरक का रस लाभदायक है, क्योंकि इससे त्वचा पर मौजूद सफेद धब्बों में ख़ून अच्छी तरह से बहने लगता है.
अंजीर खाएं.
अनार के पत्तों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें. इसमें से लगभग 10 ग्राम ले कर उसे पानी में मिलाएं और सबुह सुबह पीयें.
नारियल तेल से त्वचा की मालिश करें, कहते हैं कि नारियल तेल में संक्रमण रोकने की ख़ूबी होती है.
सेब के सिरके को भी पानी में मिला कर त्वचा की मालिश करनी चाहिए.
छाछ पीने से भी फ़ायदा होता है.
अगर आपको विटिलिगो या किसी अन्य त्वचा की स्थिति के लिए चिंतित हैं, तो एक त्वचा विशेषज्ञ या किसी हेल्थ केयर प्रोफ़ेशनल से संपर्क करें. वो आपका सही मार्गदर्शन करेंगे और ज़्यादा बेहतर उपचार बताएंगे.